झारखण्ड यानि जंगल या झाड़ जो अस्थानीय रूप में वान पर्याय है और "खण्ड" यानि टुकड़े से मिलकर बना है ,जिसे हम "झारखण्ड" कहते है| झारखण्ड खनिजों के लिए विख्यात तो है साथ ही ऐसे कई उपलब्धियाँ है जो झारखण्ड को एक समृद्ध झारखण्ड बनती है | लेकिन आज हम बात करने जा रहे है ,झारखण्ड में बसे उन जनजातियों की जो झारखण्ड के अलग -अलग जिलों में बसे है जिसकी विस्तृत जानकारी आपको डॉ. रामदयाल सिंह मुंडा जनजातीय संग्रहालय ,रांची (TRIBAL MUSEUM,RANCHI) में मिलेगी जो रांची के मोराबादी में स्थित है | जिसकी अस्थापना 2008 को पूर्व मुख्यमंत्री शिबूसोरेन के कर कमलो द्वारा सम्पन किया गया था |
जनजातीय संग्रहालयn janjati sagrahalaya रांची एक मात्र संग्रहालय है जिसमे झारखण्ड के 32 जनजातीय है जिसमे -
1 . मुंडा
2. संतार (संथाल ,सौतर )
3. उरांव
4. खड़िया
5.गोंड
6. कोल
7. कनबार
8. सवार
9. असुर
10. बैगा
11. बंजारा
12. बथोड़ी
13. बेदिया
14. बिंझिया
15. बिरहोर
16. बिजिया
17. जेरो
18. चिकबारयक
19. गोराइत
20. हो
21. करमाली
22. खरवार
23. खोंड
24. किसान
25. कोरा
26. कोरबा
27. लोहरा
28. महली
29. माल पहाड़िया
30. पहाड़िया
31. सौरिया पहाड़िया
32. भूमिज
जिनकी पूरी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई गयी है | जनजायीय संग्रहालय में 32 जनजातियों का मोडल शोकेस बनाया गया है ,जो देखने में बहुत ही आकर्षक लगता है साथ ही उनकी जानकारी भी उपलब्ध कराई गयी है ,जिसमे उनकी जनसंख्या ,निवास क्षेत्र ,भाषा और पेशा आदि लिखी हुयी है | जनजातीय संग्रहालय में औजार ,आभूषण ,वाध्ययंत्र ,का भी संग्रह उपलब्ध है | जिसके माध्यम से उनकी जीवन शैली से अवगत हो सकते है | संग्रहालय से हम न केवल इनके संस्कृति ,परम्पराओ को देख सकते है वरन लुप्त हो रही परम्परावो को भी स समेट सकते है |Art Gallery in Ranchi
Tourist places in Ranchi
लोहा गलाने की प्राचीन तकनीक को जिवंत पस्तुत कर सकते है | प्राचीन काल से अब तक की आदिवासी यात्रा पारम्परिक अस्त्र - सस्त्र, खान-पान,पर्व -त्योहार , पारम्परिक ,आभूषण ,वाद्यंत्र या शिकार करने के हथियार भी सहेजे जा सकते है | झारखण्ड सरकार के द्वारा बनाये गए जनजातीय संग्रहालय आदिवासियों के लिए उपहार के रूप में प्रस्तुत किया गया है ,जिसके माध्यम से जनसकेँगे की झारखण्ड में विलुप्त हो रहे परम्परा ,सांस्कृतिक ,भाषा और उनके इतिहास के बारे में जान सकेंगे | state museum ranchi
झारखण्ड एक मात्रा जनजातीय शोध सँस्थान है,जहा जनजातीय समाज से जुड़ी इतिहास ,सांस्कृतिक व उन्नति के लिए शोध होते है | संस्थान की स्थापन 31 अक्टूबर 1953 को हुई थी जिसके माध्यम से विद्यार्थी तथा आमनागरिक शोध कर उनकी जानकारी ले सकते है ,जिसे प्राचीन कल से लेकर अब तक की जानकारी आने वाले पीडियो को मिल सकेगी जिसके माध्यम से आप अपने पूर्वजो और जनजातियों के बारे में जारकारी हासिल कर लोगो को बता सकेंगे | Rock Garden, Ranchi
जाने का मार्ग :-
1. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से जनजातीय संग्रहालय 11 किलोमीटर पर है |
2. अल्बर्ट एक्का चौक से जनजातीय संग्रहालय 3. 3 किलोमीटर पर स्थित है |
3. रांची रेलवे स्टेशन से जनजातीय संग्रहालय 5. 9 किलोमीटर है |
4. रतु रोड से जनजातीय संग्रहालय 2. 8 किलोमीटर पर है |
5. खाद गड़ा बस स्टैंड से जनजातीय संग्रहालय 4. 8 किलोमीटर पर स्थित है |
2 Comments
Very good
ReplyDeleteNice
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